प्रिय नरेंद्र मोदी जी, हो सकता है थोड़ी सी
शर्म भी आये आपको – पर उसके लिये माफ़ी !
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बात कुछ युऊँ है की जब तक किसी भी देश के
आविष्कारकों को उनकी ठीक जगह नहीं मिलती तब तक वो देश सही मायनों में किसी भी दिशा
में तरक्की नहीं कर सकता !
आप अगर लोगों में नैतिक मूल्य नहीं भर सकते
तो ये सारी कवायद बेकार साबित होगी. अभी तो सभी अनैतिक लोग शीर्षासन कर अपने को
नैतिक साबित कर रहे हैं ! ज्यादा ज्ञानी बूध्हिमान व अति सोच विचार करने वाला
हमेशा परेशान एवं दुखी रहने के साथ ह्रदयहीन होने कि ओर अग्रसर रहता है ! इंसान
अपनी ही बनायी कहावत की तरह संसार का जला हूआ परमात्मा को भी फूंक फूंक कर पीने की
कोशिश करता है !
अंत में बस इतना की हर शाख पे उल्लू बैठे हैं
, अंजामे गुलिस्तां क्या होगा ?
" The Problems That Exist
in The World Today Can Not Be Solved By The
Level of Thinking That Created Them "
"ALBERT EINSTEIN"
Level of Thinking That Created Them "
"ALBERT EINSTEIN"
अगस्त्य नारायण शुक्ल
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