बहुत पहले न जाने कंहा पर पढ़ा था ?
वो सड़क पर पड़ा था वो भूख से मरा था ,
कपड़ा हटा के देखा तो खून से लिखा था ,
सारे जंहा से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा ,
हम बुलबुले हैं इसके ये गुलसितां हमारा ,
इस बात को कई बार कह कह कर मैं थक चुका हूँ , पर लगता है की
रोज़ कहने की ज़रूरत है !
" The Problems That Exist in The World Today Can Not
Be Solved By The
Level of Thinking That Created Them "
"ALBERT EINSTEIN"
Level of Thinking That Created Them "
"ALBERT EINSTEIN"
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