Sunday, June 14, 2015

A Post by Mr. Prasoon Joshi


आज के इक अखबार में प्रसून जोशी साहेब ने लिखा है कि -  सूचनाओं को बच्चओं तक फ़िल्टर कर के पहुचाना चाहिये !
पहले तो मुझे हंसी आयी .... फिर जब गम्भीर होने की कोशिश की .... तो उस क्रम में मैं इक चाय की छन्नी ले उसमे से अपने बच्चों को देखने की कोशिश करने लगा ....  बड़े धूंदले से दिखाई दे रहे थे !
और जोशी साहेब ... श्रीमन् रविन्द्र नाथ टैगोर साहब ने कहा है कि अगर आप गलतियों को रोकने के लिये दरवाज़े बन्द करते हैं तो सत्य भी बाहर ही रह जाता है !

आपका

अनूभवि अज्ञानी  
Experienced Ignorant

अगस्त्य नारायण शुक्ल
Agastya Narain Shukla